Aspirations of an Aspirant
My writings are nothing but what is being schooled to me by my life and its various facets
Subscribe To
Posts
Atom
Posts
Comments
Atom
Comments
Tuesday, December 17, 2019
तुम आना
तुम आना
किसी जश्न की तरह नही
न किसी त्रासदी की तरह
जब भी आना
एक चोट बन कर आना
हल्की और गहरी चोट
तुम्हारे चले जाने के बाद
मेरा वादा है तुमसे
मैं तुम्हारे निशान
अपनी इस त्वचा पर
सम्भाल कर रखूंगा
-- आकर्ष
No comments:
Post a Comment
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment