Tuesday, December 17, 2019

तुम आना

तुम आना 
किसी जश्न की तरह नही 
न किसी त्रासदी की तरह 
जब भी आना 
एक चोट बन कर आना 
हल्की और गहरी चोट
तुम्हारे चले जाने के बाद 
मेरा वादा है तुमसे 
मैं तुम्हारे निशान 
अपनी इस त्वचा पर 
सम्भाल कर रखूंगा 
             -- आकर्ष
                

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